The shiv chalisa in hindi Diaries

हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।

Victory for the partner of Girija, the compassionate Lord. He constantly shields and nurtures his devotees and youngsters. That has a crescent moon adorning his forehead, And earrings product of snakes’ hoods.

शिव भजन

समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।

मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन Shiv chaisa करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

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